सोमवार, 18 मार्च 2024

पुलिस ने शिक्षक की हत्या की मूल्यांकन कार्य बंद शिक्षक हड़ताल पर

शिक्षक की गोली मारकर हत्या, आक्रोशित शिक्षकों ने बंद किया मूल्यांकन कार्य, धरना प्रदर्शन पर बैठे, ये हैं मांगें शिक्षक संगठनों ने की घटना की निंदा और आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की मांग। लिखित आश्वासन पर अड़े हैं शिक्षक दस करोड़ रुपये मुआवजा की मांग वाराणसी-जनपद से यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल लेकर मुजफ्फरनगर आए राजकीय हाईस्कूल महगांव के शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार की साथ आए सुरक्षाकर्मी ने गोली मारकर हत्या कर दी। शिक्षक संगठनों में घटना की निंदा की और आरोपित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शिक्षकों ने यूपी बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन कार्य बंद कर दिया। राजकीय शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डॉ. रणवीर सिंह ने बताया, इस घटना से शिक्षक दुखी हैं। धर्मेन्द्र कुमार अपने परिवार में आजीविका के एकमात्र सहारा थे। शासन-प्रशासन से मांग की जाती है कि दोषी के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए एवं मृतक धर्मेंद्र कुमार के परिवार को मुआवजा प्रदान किया जाए। घटना के विरोध में जुटे शिक्षक प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष विजय कुमार शर्मा ने भी घटना की निंदा की है। वहीं चौधरी छोटू राम इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य नरेश प्रताप सिंह ने कहा, इस प्रकार की घटना फिर न हो, इसके लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। घटना के विरोध में शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य बंद कर दिया है। चौधरी छोटू राम इंटर कॉलेज के सामने शिक्षकों ने घटना को लेकर आक्रोश जताया। आरोपित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

संघी सरकार में पुलिस ने पुलिस को ले जाकर संघी आका पाची आसन सिखाया

संघ की हिन्दुवत्व की प्रयोगशाला मे नए- नए प्रयोग किए जा रहे हैं ताजा प्रयोग में संघ नियंत्रित और प्रशिक्षित सरकार ने अब अपने ही सशस्त्र बल के अधिकारी को पुलिस चौकी में ले जाकर संघी आका पाची आसन सिखा दिया। महोबा के इंस्पेक्टर को प्रयागराज पुलिस ने चौकी में ले जाकर जमकर पीटा नैनी थाना क्षेत्र से जहां मामूली विवाद में दरोगा और दो सिपाहियों ने महोबा के इंस्पेक्टर को जमकर पीट दिया। दरोगा और सिपाहियों की पिटाई से इंस्पेक्टर बुरी तरीके से घायल हो गए, जिन्हें परिजनों ने पास के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया है। पूरा मामला एडीए पुलिस चौकी में शनिवार देर रात का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार एडीए कॉलोनी निवासी अवधेश मिश्रा महोबा जिले में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। वह करीब 10 साल पहले नैनी एडीए चौकी के इंचार्ज रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि शनिवार की देर रात वह खाना खाकर अपने घर के बाहर टहल रहे थे। उस दौरान उन्हे चक्कर आया और वह पुलिस चौकी के बगल एक चबूतरे पर बैठ गये। एडीेए चौकी पर तैनात दो सिपाहियों ने उनसे पूछताछ करना शुरु कर दिया। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने उनको गाली भी दी जिस पर इंस्पेक्टर ने विरोध किया तो सिपाहियों से उनका विवाद हो गया। जिसके बाद निरीक्षक को सिपाही चौकी लेकर पहुंचे और वहां मारपीट की। आरोप है कि चौकी पर रहे पुलिसकर्मी और चौकी इंचार्ज ने भी उनसे हथापाई की। इस दौरान हुई मारपीट में निरीक्षक को गंभीर चोट आ गईं। घटना के बाद जानकारी निरीक्षक के घरवालों को मिली तो वह भी भाग कर मौके पर पहुंचे और उन्हे शहर के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती करा दिया। घटना पर अपना पक्ष रखते हुए घायल इंस्पेक्टर अवधेश कुमार मिश्रा ने बताया कि मेरे साथ जो घटना हुई है।

संघ के हिन्दुत्व राज मे भ्रष्टाचार नहीं - लेकिन कमीशन के लिए भाई- बहन की शादी करा कर भ्रष्टाचार समाप्त कर रहें हैं।

संघ के हिन्दुत्व राज मे भ्रष्टाचार नहीं - लेकिन कमीशन के लिए भाई- बहन की शादी करा कर भ्रष्टाचार समाप्त कर रहें हैं। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना प्रदेश में चल रही है और उसमें संघ के कुशल नेतृत्व में भ्रष्टाचार समाप्त करने के नए- नए प्रयोग चल रहे हैं जिसके तहत जनपद महाराज गंज में भाई बहन की शादी कुशल अधिकारीयों ने करा कर संघ की हिन्दुवत्व की प्रयोगशाला में सफलता प्राप्त कर इसरो से ऊंची उड़ान भर कर नया कीर्तिमान स्थापित कर विश्व में गुरुत्व का खिताब जीतने की दिशा में नया कदम उठाया है। लेकिन बुरा हो नेहरू के प्रेत का और कम्युनिस्टों के भूत का जिसने विश्व गुरू की खिताब को हासिल करने में बाधा डाली और प्रयोग का पंजीयन होने के पहले ही भाई- बहन की शादी का खुलासा करवा दिया है। इसलिए और खिसयानी बिल्ली अब बगैर विवाह विच्छेद के सारा सामान वापस ले लिया है और भाई को संघी प्रचारक बना कर चाय बेचने की ट्रेनिंग लेने के विश्व गुरू पैदा करने वाली ब्रह्म भूमि गुजरात के उस स्टेशन पर भेज दिया है उस स्टेशन का निर्माण होना प्रस्तावित ही नहीं है लेकिन चाय पीने के लिए लालायित यात्री चेन पुलिंग कर चाय का मजा ले रहे हैं। कई कंपनियां जिनका मुनाफा दस रुपए है उन्होंने बैंक एडवांस लेकर थोक में चाय खरीद ली है क्योंकि उन्हें वेटिंग प्रधानमंत्री को इग्नोर कर भावी प्रधानमंत्री की छवि नजर आ रही है। बुरा हो उनका जो पैंतीस हजार रुपए का अनुदान रुकवा रहे हैं। जय हो! हम विश्व गुरू है।

शुक्रवार, 15 मार्च 2024

इलेक्टोरल' बॉन्ड दुनिया का सबसे बड़ा वसूली रैकेट', राहुल गांधी

''इलेक्टोरल'इलेक्टोरलइलेक्टोरल बॉन्ड दुनिया का सबसे बड़ा वसूली रैकेट', राहुल गांधी राहुल ने कहा कि इसमें CBI, ED, IT से दबाव बनाकर वसूली की जाती है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा जारी होने के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस स्कीम को दुनिया का सबसे बड़ा 'एक्सटॉर्शन रैकेट' (वसूली रैकेट) बताया. महाराष्ट्र के ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम कंपनियों से हफ्ता लेने का तरीका है, कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट्स का शेयर लेने का तरीका और ये दुनिया का सबसे बड़ा स्कैम है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने ये भी कहा कि कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान के पॉलिटिकल फाइनेंस के सिस्टम को साफ करने की बात की थी और इलेक्टोरल बॉन्ड लेकर आए थे. लेकिन अब इलेक्टोरल बॉन्ड की सच्चाई देश के सामने है. उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी जी ने जो इलेक्टोरल बॉन्ड का कॉन्सेप्ट रखा है, वह दुनिया का सबसे बड़ा 'वसूली का रैकेट' है. ये दुनिया का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का तरीका है. इसमें CBI, ED, IT से दबाव बनाकर वसूली की जाती है.” राहुल गांधी ने सरकार बदलने के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड केस में कार्रवाई की गारंटी का वादा किया है. उन्होंने आगे कहा कि 'इलेक्टोरल बॉन्ड स्कैम' से जुड़े लोगों को सोचना चाहिए कि कभी न कभी BJP की सरकार बदलेगी और फिर कार्रवाई होगी. केस के बाद बीजेपी को पैसा मिला- राहुल राहुल के मुताबिक, पूरी कंपनी की लिस्ट अभी आई नहीं है, इसमें शेल कंपनियां भी हैं. उन्होंने दावा किया, "कंपनी पर केस लगता (दर्ज होता) है, कुछ दिन बाद बीजेपी को पैसा मिलता है. हजारों करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिलता है. इस कॉन्ट्रैक्ट का एक कट (हिस्सा) बीजेपी को डायरेक्ट मिलता है. तो ये प्रधानमंत्री का कॉन्सेप्ट है और दुनिया में सबसे बड़े भ्रष्टाचार का उदाहरण है." हालांकि राहुल ने इस दौरान किसी कंपनी का नाम नहीं लिया. उनका ये बयान तब आया है, जब एक दिन पहले चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा जारी किया. 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था. साथ ही नए इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने पर रोक लगा दी गई थी. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को निर्देश दिया गया था कि वो बॉन्ड की खरीद-बिक्री का सारा डेटा चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए. हालांकि एसबीआई ने चुनाव आयोग को पूरा डेटा नहीं दिया. बॉन्ड के यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. इससे ये पता नहीं चल रहा है कि किस व्यक्ति/कंपनी का चंदा किस राजनीतिक दल के पास पहुंचा. 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए भी SBI को फटकार लगाई और कहा कि बैंक इलेक्टोरल बॉन्ड का यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर भी जारी करे. एसबीआई को नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट में अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी.

शुक्रवार, 8 मार्च 2024

मोदी गैर हिंदू है - लालू प्रसाद यादव

लालू यादव का प्रधानमंत्री मोदी पर बड़ा खुलासा 3 मार्च को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में महागठबंधन की रैली का आयोजन किया गया था. इस रैली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला और उनका कोई परिवार नहीं होने को लेकर सवाल खड़े किए. लालू ने इसी मंच से प्रधानमंत्री को गैर हिंदू भी बताया और सवाल पूछा कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी माता के निधन के बाद बाल और दाढ़ी नहीं कटवाए.

गुरुवार, 7 मार्च 2024

जज अभिजीत गंगोपाध्याय नौकरी छोड़ कर भाजपा से चुनाव लडेगे - न्याय सिर्फ भाजपा को

आज हम बात करेंगे कोलकाता हाई कोर्ट के एक जज अभिजीत गंगोपाध्याय को लेकर जब अपने नौकरी के पांच माह पहले इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि हम भाजपा के संपर्क में थे और भाजपा भी हमसे हमारे संपर्क में थी एक ऐसा जज जो न्याय की कुर्सी पर बैठकर सत्ता पक्ष से डील कर रहा हो यह बात गंगोपाध्याय ने ईमानदारी से स्वीकार किया और कहां कि हम हिंदू हैं इसलिए भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर रहा हूं कम्युनिस्ट पार्टी में इसलिए नहीं गए कि वहां लोग नास्तिक होते हैं जबकि हम आस्तिक हैं वैसे देखा जाए तो इससे पहले भी कुछ जजों ने रिटायर्ड के बाद पार्टी ज्वाइन किया है और एक मुख्य न्यायाधीश ने तो राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ा है लेकिन अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने कार्यकाल में त्रिमूल कांग्रेस को अपने फैसले से कितना परेशान किया है यह बात खुद वह बयान कर रहा है सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि जजों को किसी भी पार्टी में नहीं जाना चाहिए उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता हमेशा चाहती है कि हमारा न्यायपालिका पर पर कब्जा रहे अब सवाल खड़ा होता है कि इस तरह की मानसिकता के जज संवैधानिक पदों पर बैठे रहेंगे तो आम आदमी को न्याय कैसे मिलेगा अब तो लोग पूछना शुरू कर दिया है कि यह जज किस पार्टी का है किस पार्टी के नेता को पकड़ा जाए की हमारे पक्ष में फैसला आ जाए मुझे लगता है कि वैसे ही आदिवासी दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक यानी वंचित तबका को न्याय नहीं मिलता था अब तो इस घटना से और संकट दिख रहा है

बुधवार, 6 मार्च 2024

स्टेट बैंक सरकार को शर्मिंदगी से बचाने का कार्य कर रहा है-रामनरेश पांडेय

एसबीआई भाजपा सरकार को शर्मिंदगी से बचाने का कार्य कर रहा है भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों की सूची जारी करने के लिए समय मांगने की तीखे शब्दों में निंदा की है। भारतीय स्टेट बैंक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी अवहेलना करने लगा है। चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने में एसबीआई की अनिच्छा कुछ और नहीं बल्कि चुनाव से पहले भाजपा सरकार को शर्मिंदगी से बचाने का एक प्रयास है। यह दावा कि केवल 22217 ईबी का विवरण प्रस्तुत करने में 4 महीने से अधिक की आवश्यकता होगी, मोदी के डिजिटल इंडिया के दावों का मजाक उड़ाता है। भाजपा की जबरन वसूली और पूंजीपति सांठगांठ को उजागर किया जाना चाहिए। भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड को असंवैधानिक करार दिया है और भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों की सूची 13 मार्च 2024 तक भारत निर्वाचन आयोग को देने को कहा और जिसेे आयोग को वेबसाइट पर सार्वजिक करने का निर्देश भी दिया गया। अब भारतीय स्टेट बैंक सूची जारी करने के लिए 30 जून 2024 तक का समय मांग रहा है। तब तक लोकसभा चुनाव निकल जायेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर सभी नियमों को ताक पर रख कर अडानी और अंबानी को कर्ज देता है, लेकिन चुनावी बॉन्ड की सूची जारी करने में जान बूझकर देर कर रहा है। क्योंकि सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड अडानी और अंबानी ने खरीदा है और भाजपा को पांच वर्षों में 6500 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा चुनावी बॉन्ड से मिला है। भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि हर हाल में लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों की सूची जारी होनी चाहिये। किस पार्टी को कितना चंदा किसने दिया है, यह जानकारी हासिल करना लोगों का अधिकार है।

रविवार, 3 मार्च 2024

मोदी पर भरोसा 'विश्वासघात की गारंटी'-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा कि मोदी पर भरोसा 'विश्वासघात की गारंटी' है। राहुल गांधी ने रेलवे के किराए और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी पर भरोसा 'विश्वासघात की गारंटी' है। राहुल गांधी ने रेलवे में मिलने वाली वरिष्ठ नागरिकों को छूट को लेकर कहा कि मोदी सरकार 3,700 करोड़ रुपये वसूली कर रही है। मोदी गरीबों की सवारी रेलवे को दूर कर रहे- राहुल गांधी राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट कर कहा, "हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज की यात्रा का सपना दिखा नरेंद्र मोदी ‘गरीबों की सवारी’ रेलवे को भी उनसे दूर करते जा रहे हैं। हर साल 10% बढ़ता किराया, डायनामिक फेयर के नाम पर लूट, बढ़ते कैंसलेशन चार्जेस और महंगे प्लेटफार्म टिकट के बीच लोगों को एक एसी ‘एलीट ट्रेन’ की तस्वीर दिखाकर बहलाया जा रहा है जिस पर गरीब पांव तक नहीं रख सकता।" राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "वरिष्ठ नागरिकों तक से उन्हें मिलने वाली छूट छीन कर पिछले 3 वर्षों में सरकार उनसे ₹3,700 करोड़ की वसूली कर चुकी है। प्रचार के लिए चुनी गई ट्रेन के लिए आम आदमी की ट्रेनों को जहां तहां खड़ा कर दिया जाता है। गरीब और मध्यमवर्गीय यात्री रेलवे की प्राथमिकता से बाहर कर दिए गए हैं।" राहुल गांधी ने कहा, "AC डिब्बों की संख्या बढ़ाने के लिये जनरल डिब्बों की संख्या कम की जा रही है, जिसमें मज़दूर और किसान ही नहीं छात्र और नौकरीपेशा भी यात्रा करते हैं। सामान्य डिब्बों के मुकाबले AC डिब्बों का निर्माण भी 3 गुना कर दिया गया है।" भारत की 80% आबादी के साथ धोखा कर रही मोदी सरकार- राहुल राहुल गांधी ने रेलवे के बजट को लेकर कहा कि दरअसल रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा खत्म करना, इन्हीं ‘कारनामों’ को छिपाने की साजिश थी। उन्होंने कहा, "अमीरों को ध्यान में रख कर बनाई जा रही रेलवे की नीतियां रेल पर निर्भर भारत की 80% आबादी के साथ धोखा है। मोदी पर भरोसा ‘विश्वासघात की गारंटी’ है।"

शुक्रवार, 1 मार्च 2024

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, खोपड़ी में मिली मैटल पैलेट पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान शुभकरण

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, खोपड़ी में मिली मैटल पैलेट पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान शुभकरण सिंह की मौत के बाद उसके परिजनों और किसानों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया था. कैसे हुई प्रदर्शनकारी किसान शुभकरण सिंह की मौत? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, खोपड़ी में मिली मैटल पैलेट किसानों के दिल्ली चलो मार्च के दौरान खनौरी बॉर्डर पर पिछले हफ्ते हरियाणा पुलिस के झड़प के दौरान किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई. पंजाब पुलिस ने इस केस में हत्या का मामला दर्ज किया गया. शुभकरण सिंह का पोस्टमार्टम कर लिया गया है जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि उसकी मौत बंदूक से चोट लगने के कारण हुई. इसके साथ ही उसके सिर में बाहरी तत्व भी पाए गए. पोस्टमार्टम से पहले शिवकरण सिंह का सीटी स्कैन भी किया गया था जिसमें उसके सिर में छर्रे भी पाए गए. पिछले हफ्ते पटियाला के अस्पतालों से जारी की गई मेडिकल लीगल रिपोर्ट्स में कहा गया कि पुलिस कार्रवाई में घायल हुए कई प्रदर्शनकारियों के ऊपरी शरीर पर छर्रों के घाव पाए गए थे. खोपड़ी के पिछले हिस्से पर मिले चोट के निशान बुधवार (28 फरवरी) को की गई जांच में खोपड़ी के सबसे पिछले हिस्से पर चोट का निशान पाया गया और यह भी पता चला कि उसके शरीर के किसी अन्य हिस्से पर चोट के निशान नहीं है. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट पटियाला पुलिस को सौंप दी है और ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही शुभकरण सिंह के सिर से जो छर्रे मिले उन्हें भी पुलिस को सौंप दिया गया है और कहा गया है कि इस्तेमाल किए गए हथियार की प्रकृति का पता लगाने के लिए इन्हें बैलिस्टिक विशेषज्ञों के पास भेजा जा सकता है. शुभकरण सिंह का किया गया अंतिम संस्कार शुभकरण सिंह का गुरुवार (29 फरवरी) को अंतिम संस्कार कर दिया गया. प्रदर्शनकारी किसानों और उसके परिवार ने शुरू में अधिकारियों को पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी, उनकी मांग थी कि उनकी मौत के लिए पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए और पीड़ित को "शहीद का दर्जा" दिया जाए. केंद्र सरकार से सभी फसलों के लिए एमएसपी पर एक कानून बनाने की मांग करते हुए हजारों किसान दो सप्ताह से अधिक समय से पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.

शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

उ प्र पुलिस सिपाही भर्ती रद्द-यह सरकार की सफलता है य असफलता - मीडिया के अनुसार सफलता

उ प्र पुलिस सिपाही भर्ती रद्द पुलिस सिपाही भर्ती रद्द करके सरकार ने लाखों अभ्यर्थियों के साथ के भविष्य के खिलवाड़ किया . पेपर लीक केकरने के साथ ही 6 महीने के भीतर फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है. सीएम योगी ने कहा कि युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ होगी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. दावों के बाद लाखों अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने और दोबारा एग्जाम की मांग कर रहे थे. राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी है। सरकार की असफलता का सबसे बड़ा स्मारक है पुलिस भर्ती परीक्षा का रद्द होना। नौजवान तबके में पहले ही चिंता थी कि सरकार किसी न किसी बहाने परीक्षा को रद्द कर देगी। अभी तक के इतिहास के आधार पर नौजवानों की शंका सही साबित हुईं हैं। .

रविवार, 18 फ़रवरी 2024

पंजाब-हरियाणा के बाद अब उ प्र में भी होगा इक्कीस फरवरी 'किसान आंदोलन - राकेश टिकैत

पंजाब-हरियाणा के बाद अब उ प्र में भी होगा इक्कीस फरवरी 'किसान आंदोलन - राकेश टिकैत किसान नेता ने कहा- 21 फरवरी को जिला मुख्यालयों पर कोई काम नहीं होगा. ट्रैक्टरों के साथ मार्च करेंगे. धरना दिया जाएगा. टिकैत ने इसके बाद एक और बड़ी घोषणा कर दी पंजाब-हरियाणा में जारी किसान आंदोलन के बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में भी विरोध प्रदर्शन का एलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि किसानों के समर्थन में 21 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धरना दिया जाएगा. चेतावनी दी कि किसानों की मांगें पूरी नहीं की गईं तो फरवरी के आखिरी हफ्ते में दिल्ली के लिए ट्रैक्टर मार्च शुरू किया जाएगा. मुजफ्फरनगर में महापंचायत के दौरान मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, अगर अटल-आडवाणी की सरकार होती तो हमारी बात मान ली जाती. ये सरकार पूंजीपतियों की सरकार है. हमारी ये लड़ाई फसल और नसल बचाने की है. इस लड़ाई में लोग मारे भी जाएंगे. जहां भी गोली चलेगी, हम सामने रहेंगे. 21 फरवरी को जिला मुख्यालय पर कोई काम नहीं होगा. हम ट्रैक्टरों के साथ मार्च करेंगे. उसके बाद हमने 26 और 27 फरवरी को दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है. हम अपने ट्रैक्टर SKM को देंगे. हरिद्वार से लेकर गाजियाबाद बॉर्डर तक ट्रैक्टरों की कतार लगेगी. हर जिले और तहसील के लोग अपने ट्रैक्टरों के साथ सड़क पर खड़े होंगे.
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